Marriage problem solution in Hindi
आज के दौर में विवाह एक जटिल स्थिति बन गया है। एक ओर जहां कई लोग अच्छे घर और वर या वधु के इंतजार में अपने बच्चों की काफी उम्र तक शादी नहीं कर पाते। वहीं कई बार रिश्ते तो आते हैं, लेकिन कुछ समस्याओं के चलते या तो घर आने वाले लोग वापस नहीं आते।
शादी जीवन का एक ऐसा हिस्सा है, जिसकी खुशी परिवार के साथ-साथ हर पुरुष और महिला को होती है। शादी को लेकर ज्यादातर लोग कन्फ्यूज रहते हैं कि न जानें उनका हमसफर कैसा होगा, उसकी आदतें कैसी होगी, घर वालों की पसंद कैसी होगी और साथ ही तमाम चीजें होती हैं, जो किसी के भी मन को दुविधा में डाल सकती हैं। लव हो या अरेंज शादी की अपनी-अपनी विशेषताएं और खामियां होती हैं, जिसका पता हमें कुछ बाद पता चलता है। शादी का निर्णय लेना भी अपने आप में एक मुश्किल काम हैं। असल जिंदगी में विवाह जितना आसान दिखता है उतना होता नहीं है। फिल्मों में जो दिखाया जाता है वह कुछ हद तक सही भी होता है।
लोग अक्सर शादी से पहले यह सोचा करते हैं कि शादी के बाद उनकी जिंदगी कैसी होगी। फिल्मों को देखने के बाद कई महिलाएं तो अपनी लाइफ के प्रिंस चार्मिंग की तलाश में जुट जाती हैं। नतीजतन, ज्यादातर लोगों को शादी एक अच्छे विचार की तरह लगती है। आखिर ऐसा क्यों नहीं होना चाहिए? लेकिन असल जिंदगी में विवाह जितना आसान दिखता है उतना होता नहीं है। फिल्मों में जो दिखाया जाता है वह कुछ हद तक सही भी होता है। लेकिन शादी के बाद लोगों पर कई तरह की जिम्मेदारियां आ जाती है जिसके कारण हमें कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है।
विवाहित जीवन में कलह निवारण हेतु उपाय
दुनिया में बहुत तरीके के लोग मिलते हैं, कुछ लोगों के पास सहारा होता है, कुछ नादान होते हैं, कुछ अपनी उम्र से पहले ही बहुत कुछ सीख जाते हैं। आपको ज़िन्दगी में क्या करना है ? क्या आपको ऐसे सवाल सताते हैं ? क्या आपकी शादी का समय निकला जा रहा है और आप घोर चिंता में हैं की आगे क्या करना चाहिए ? हम लोग कई बार जल्द-बाजी में गलत कदम भी उठा लेते हैं इसलिए इस अत्यंत महत्वपूर्ण डिसिशन को लेते वक़्त यह ध्यान में रखें की हमें आपने धैर्य और धीरज से काम लेना है। आपका आपा न खो जाये, आप कोई गलत कदम नहीं उठा लें आदि कुछ चन्द चीज़ें और हैं जिन्हें मन में रख कर काम करना चाहिए। विवाहित जीवन में कलह निवारण हेतु उपाय
- संकीर्ण सोच या नैरोमाइंडेड लोगों से रहे दूर
- शादी के लिए ऐसे आदमी को चुनें, जो आपको प्राथमिकता दे
- हमेशा झगड़ा या बहस करने वाले इंसान से रहें दूर
वैवाहिक जीवन की विशेष समस्याएं और उनके समाधान
वास्तव में, हमें यह कोई नहीं सिखाता कि एक सुखी, स्वस्थ वैवाहिक जिंदगी कैसे जी जाती है। शादी के बाद कुछ समस्या है तो ऐसी हो जाती हैं जो आपको तलाक की ओर ले जाती हैं। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसी समस्याओं के बारे में बताएंगे जो आपकी शादी के बाद सामने आती है। ऐसे में विवाह के लिए धीरे धीरे उम्र निकलती जाती है और एक समय बाद रिश्ते आने तकरीबन ही बंद हो जाते हैं। जिसके कारण युवक हो या युवती उसे आजीवन अविवाहित ही रहना पड़ता है।
बढ़ती आयु के साथ संबंधों का आना भी कम हो जाता है जिससे पूरा परिवार चिंतित रहता है। ऐसा नहीं है कि केवल युवती की शादी में ही परेशानियां आती है, कई बार युवकों का भी तमाम कोशिशों के बावजूद विवाह नहीं हो पाता। ज्योतिषशास्त्र में नौ ग्रहों में से सूर्य, मंगल,शनि, राहु, और केतु का प्रभाव अधिक माना गया है। इन में मंगल,राहु व शनि विशेष रुकावटें उत्पन्न करते हैं।
शादी के दौरान किसका गोत्र होता है जरूरी?
हिंदू धर्म में शादी को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है और शादी से पहले कई तरह की बातों को साफ करना बहुत जरूरी होता है। ऐसे ही एक गोत्र में शादी करना बहुत अशुभ माना जाता है, इसलिए लोग शादी करने से पहले ही लड़का और लड़की के गोत्र को देखकर ये साफ करते हैं कि दोनों का गोत्र अलग होना चाहिए। गोत्र को इसलिए ध्यान में रखा जाता है, क्योंकि अगर एक गोत्र में शादी होती है तो ये एक ही परिवार के वंशज माने जाते हैं। माना जाता है कि एक ही गोत्र में शादी करने से पती और पत्नी के बीच समस्याएं पैदा होने लगती है और दोनों में अनबन रहती है। इसके अलावा एक ही गोत्र में शादी करने के बाद उनके बच्चों को भी परेशानियां होती है।
शादी के दौरान जब लड़के-लड़की का गोत्र देखा जाता है तो लड़के और लड़की की मां का गोत्र, पिता का गोत्र और दोनों की दादी का गोत्र मिलाया जाता है, इन सभी लोगों के गोत्र दोनों ही परिवारों में अलग-अलग होने चाहिए। अगर इन तीनों गोत्र में से एक भी गोत्र मिलता है तो लड़का-लड़की को एक भाई-बहन के रूप में देखा जाता है। ऐसा इसलिए क्योकि मां, पिता या दादी में से जिसका भी गोत्र मिलता है वो दोनों परिवार उसी के वंशज होते हैं, इसलिए लड़का-लड़की भी भाई-बहन माने जाते हैं और उनकी शादी नहीं हो सकती है।